दो चोटियाँ सवारे
अपने नखरों में चूर,
हँसी के ठहाके
मौजो से भरपूर,
जाते देखा तुझे
हमसे बड़ी दूर
जब ए जिंदगी तूने हलकेसे
मौत का हाथ थाम लिया था...
-बागेश्री
दो चोटियाँ सवारे
अपने नखरों में चूर,
हँसी के ठहाके
मौजो से भरपूर,
जाते देखा तुझे
हमसे बड़ी दूर
जब ए जिंदगी तूने हलकेसे
मौत का हाथ थाम लिया था...
-बागेश्री
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